आनंद से जियो और जीवन के समस्त रोगों को जियो आनंद से जियो और जीवन के समस्त रोगों को जियो
फिर उसके कदम चल पड़े थे पार्क की ओर। उसकी एक झलक देखने के लिए वो व्याकुल हो जाता था। ऐसा नहीं था कि व... फिर उसके कदम चल पड़े थे पार्क की ओर। उसकी एक झलक देखने के लिए वो व्याकुल हो जाता ...
आपका बेटा भी तो कई -कई दिन घर से बाहर रहता है आपने उससे तो कभी नहीं पूछा कि कहां गुलछर् आपका बेटा भी तो कई -कई दिन घर से बाहर रहता है आपने उससे तो कभी नहीं पूछा कि कहां...
ये भीड़ न हिन्दू देखती है न मुस्लमान इस पर तो खून सवार हो जाता है और हम लोग चुपचाप ये सब ये भीड़ न हिन्दू देखती है न मुस्लमान इस पर तो खून सवार हो जाता है और हम लोग चुपचा...
प्रिया अभी तक ज़िंदा है प्रिया अभी तक ज़िंदा है
लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास